कांग्रेस ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में बड़ा सियासी दांव खेला है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाने का ऐलान मंगलवार (15 अक्टूबर, 2024) देर शाम ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) द्वारा किया गया। इस घोषणा के साथ ही प्रियंका के चुनावी मैदान में उतरने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
प्रियंका गांधी को इस सीट से उतारना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले वायनाड से उनके भाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सांसद रह चुके हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। बाद में नियमों के अनुसार, उन्होंने एक सीट छोड़ने का फैसला किया और रायबरेली से सांसद बने रहें।
अमेठी हार के बाद वायनाड बनी थी राहुल गांधी की मजबूत कड़ी
रायबरेली सीट, जो यूपी में राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी की परंपरागत सीट मानी जाती है, 2024 में राहुल ने अपने नाम की थी। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था। अमेठी में उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, जबकि वायनाड की जनता ने उनका भरपूर समर्थन किया।
2024 के चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली से जीत हासिल की। बाद में उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण उपचुनाव की स्थिति बनी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कुछ दिनों पहले ही संकेत दिए थे कि पार्टी प्रियंका गांधी पर भरोसा जताते हुए उन्हें वायनाड से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
कब होंगे वायनाड उपचुनाव?
प्रियंका गांधी के नाम की घोषणा चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हुई। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों के उपचुनावों की तारीखों का ऐलान किया। वायनाड लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।