गुजरात के लोथल में बनेगा राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर, प्रधानमंत्री मोदी ने की परियोजना की शुरुआत

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अहमदाबाद,गुजरात: भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास और धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से गुजरात के लोथल में एक विशाल राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर (National Maritime Heritage Complex) का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से किया, जिसमें उन्होंने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की विशिष्टताओं और महत्व पर प्रकाश डाला।

लोथल का ऐतिहासिक महत्व

लोथल, जो सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख बंदरगाह था, प्राचीन काल में भारत के समुद्री व्यापार का केंद्र था। यहाँ से भारत का व्यापार मेसोपोटामिया और मिस्र जैसी सभ्यताओं के साथ होता था। यह स्थल भारत के समुद्री इतिहास में अपने महत्वपूर्ण स्थान के लिए जाना जाता है।

राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर

इस परिसर का उद्देश्य भारत के गौरवशाली समुद्री इतिहास को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से प्रदर्शित करना है। परिसर में प्राचीन काल के समुद्री व्यापार मार्गों, नौकाओं और समुद्री जीवन की झलक देखने को मिलेगी। यह स्थल भारत की समुद्री परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ, पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्घाटन संबोधन में लोथल की ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए कहा, “यह परियोजना हमारी सांस्कृतिक और समुद्री धरोहर को नई पीढ़ी के लिए सहेजने का काम करेगी। लोथल हमारे समृद्ध समुद्री इतिहास का प्रतीक है, जो दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक था।” प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में लोथन की प्राचीनता, इसकी भौगोलिकता की अहमियत के बारे में भी विस्तार से बताया। 

पर्यटन और आर्थिक विकास की दिशा में कदम

पीएम मोदी ने कहा कि यह परियोजना न केवल भारत के समुद्री इतिहास को उजागर करेगी, बल्कि देश के पर्यटन उद्योग और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देगी। यह परिसर विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगा।

गुजरात के लोथल में बनने वाला यह राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर भारत के समुद्री गौरवशाली अतीत का प्रतीक बनेगा। यह न केवल ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षक होगा, बल्कि युवाओं और पर्यटकों के लिए शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रेरणा का स्रोत भी साबित होगा। इसी के साथ, पीएम ने लोगों से यहां आने, पर्यटन क्षेत्र का आनंद उठाने की भी अपील की है। पीएम ने पर्यटन प्रेमियों से सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा कि यहां की धरोहर और संस्कृति नई पीढ़ी को सीखने का अवसर देती है।

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