रांची, झारखंड: रांची में आयोजित ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों और उनकी धरोहर को खत्म करने की साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहकर उनकी पहचान और इतिहास मिटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “आदिवासी देश के सबसे पहले मालिक हैं और बीजेपी उन्हें हाशिए पर धकेलने का प्रयास कर रही है।”
राहुल गांधी ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राष्ट्रपति को न बुलाने पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि क्योंकि राष्ट्रपति आदिवासी हैं, उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने बीजेपी पर केंद्र की एजेंसियों जैसे चुनाव आयोग, सीबीआई और ईडी पर नियंत्रण करने का आरोप लगाया और संविधान पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई।
50% आरक्षण सीमा हटाने और जाति जनगणना का वादा
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर आरक्षण पर लगी 50% की सीमा हटाई जाएगी। उन्होंने जाति जनगणना को समाज का एक्स-रे बताते हुए इसे जरूरी बताया और कहा कि बीजेपी ने इसका विरोध किया है। उन्होंने कांग्रेस की प्रतिबद्धता दोहराई कि वे जाति जनगणना करवाकर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
आदिवासियों और गरीबों के साथ भेदभाव का आरोप
राहुल गांधी ने बीजेपी पर आदिवासियों की जमीन छीनने और उनकी पहचान मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आदिवासी, ओबीसी और दलित समुदायों के इतिहास को एजुकेशन सिस्टम से मिटा दिया है। सरकारी नौकरियों में इन वर्गों के प्रतिनिधित्व की कमी पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि शीर्ष 90 आईएएस अधिकारियों में सिर्फ 3 ओबीसी हैं और वित्त मंत्रालय में कोई दलित या आदिवासी प्रतिनिधित्व नहीं है।
संविधान और मनुस्मृति की लड़ाई
राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि संविधान 70-80 साल पुराना नहीं, बल्कि इसकी सोच हजारों साल पुरानी है। उन्होंने इसे संविधान और मनुस्मृति के बीच की लड़ाई करार दिया।