नई दिल्ली: भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग के लिए एक नई व्यवस्था पर सहमति जताई है, जिससे दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा तनाव में कमी आने की उम्मीद है। सोमवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हालिया बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है, जो पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को कम करने में मददगार होगा।
मिस्त्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच कुछ अहम मुद्दों पर समाधान हुआ है, जिससे देपसांग और डेमचॉक क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट शुरू हो जाएगा। इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं अपनी पुरानी पोजीशन पर लौटेंगी और पेट्रोलिंग फिर से शुरू होगी। यह समझौता 2020 के सीमा विवाद को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के शहर कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हो सकती है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस द्विपक्षीय बैठक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक महत्वपूर्ण हो सकती है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ नए सदस्य भी शामिल होंगे। ईरान, इजिप्ट, इथोपिया और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश हाल ही में ब्रिक्स का हिस्सा बने हैं। इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं, खासकर जब रूस और यूक्रेन युद्ध और इजरायल-ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच यह आयोजन हो रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में शामिल भारतीयों पर विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ने गए कुछ भारतीयों को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में भारतीय दूतावास रूस के विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। अब तक करीब 85 भारतीय वापस आ चुके हैं, जबकि 20 लोग अभी भी वहां हैं, जिन्हें वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
2020 से तनावपूर्ण भारत-चीन संबंध
गौरतलब है कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। हालांकि, इस बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो पाई थी। LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुआ यह समझौता तनाव कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।