नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के कजान शहर में दो दिन के दौरे पर हैं। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी की, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी होगी, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की संभावना है।
वैश्विक मुद्दों पर BRICS शिखर सम्मेलन
BRICS समिट 22 और 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में रवाना होने से पहले कहा कि भारत BRICS में आपसी सहयोग को अहमियत देता है, जिससे वैश्विक विकास, बहुपक्षवाद, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही, मोदी ने BRICS के विस्तार को वैश्विक भलाई के लिए अहम बताया।
पुतिन और मोदी की द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह पांच महीनों के भीतर दूसरी मुलाकात होगी। पिछली मुलाकात जुलाई 2024 में भारत-रूस सालाना बैठक के दौरान हुई थी। इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत की संभावना है।
अन्य नेताओं से संभावित मुलाकात
PM मोदी की तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यब एर्दोगान और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की संभावना है। तुर्की के साथ संबंध सुधारने के प्रयास के तहत यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। एर्दोगान ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा नहीं उठाया, जिसे भारत के प्रति सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने BRICS सम्मेलन पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।
शी जिनपिंग से मुलाकात की संभावना
BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी मुलाकात हो सकती है। दोनों नेताओं के बीच 2022 में इंडोनेशिया के बाली में G20 शिखर सम्मेलन के बाद पहली बार बातचीत की संभावना है।
BRICS प्लस सत्र में शामिल होंगे जयशंकर
PM मोदी 23 अक्टूबर को रूस से रवाना होंगे, जिसके बाद 24 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘BRICS और ग्लोबल साउथ’ थीम पर BRICS प्लस देशों के सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस सत्र में 28 देशों और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कजान डिक्लेरेशन और BRICS समिट का इतिहास
BRICS शिखर सम्मेलन के अंत में ‘कजान डिक्लेरेशन’ जारी किया जाएगा। 2009 में पहली BRICS समिट आयोजित हुई थी, जिसके बाद साउथ अफ्रीका के शामिल होने से इसका नाम BRICS हो गया। इस बार 16वीं समिट हो रही है और रूस चौथी बार इसकी मेजबानी कर रहा है।