दिल्ली: मंगलवार की सुबह दिल्ली की हवा फिर से बेहद ख़राब श्रेणी में दर्ज की गई, जिसमें वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 तक पहुंच गया। यह स्तर राजधानी में लगातार बढ़ते प्रदूषण का संकेत है, जो सर्दियों के मौसम में और भी गंभीर हो जाता है। दिल्ली की विभिन्न जगहों पर भी हालात चिंताजनक रहे, जैसे लोधी रोड पर AQI 278, आनंद विहार में 387, रोहिणी में 356, पंजाबी बाग में 352, IGI एयरपोर्ट के आसपास 320 और ITO में 293 रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण के गंभीर स्तर तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। सर्द हवाओं और फसलों के जलाने से बढ़ते प्रदूषण के बीच राजधानी में धुंध और वायु की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में जमा हो रहे हैं, जिससे हवा साफ नहीं हो पा रही है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का बयान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि हवा की धीमी रफ्तार न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में प्रदूषण के बढ़ने का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि हवा की कम गति से प्रदूषक तत्व फंस जाते हैं और इससे हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए उपाय किए हैं, लेकिन मौसम संबंधी कारक इस समय प्रदूषण को और बढ़ा रहे हैं।
यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है, क्योंकि लंबे समय तक प्रदूषण का स्तर इतना खराब बने रहने से सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। सरकार द्वारा लागू ग्रैप-2 जैसे उपायों के बावजूद, प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की चुनौती बनी हुई है।