नई दिल्ली: दीवाली के मौके पर 1 नवंबर को शेयर बाजार में पारंपरिक ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ का आयोजन किया जाएगा। इस एक घंटे के विशेष ट्रेडिंग सेशन का समय शाम 6 बजे से 7 बजे तक निर्धारित किया गया है, जबकि प्री-ओपनिंग सेशन शाम 5:45 बजे से शाम 6 बजे तक होगा। बीएसई और एनएसई ने इस विशेष आयोजन के लिए सभी सेगमेंट—जैसे इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव्स, करेंसी डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग—के लिए ट्रेडिंग की अनुमति दी है।
मुहूर्त ट्रेडिंग, एक दशकों पुरानी परंपरा, भारतीय शेयर बाजार में 68 वर्षों से चली आ रही है। यह परंपरा दिवाली पर वित्तीय सफलता की कामना और देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद के उद्देश्य से शुरू हुई थी, जिसमें निवेशक इस विशेष समय पर नए निवेश शुरू करते हैं। यह समय “शुभ घड़ी” मानी जाती है और निवेश के अनुकूल मानी जाती है।
शेयर बाजार के इस विशेष ट्रेडिंग सत्र का आधार भारतीय व्यापारी समुदाय की प्राचीन परंपराओं से उत्पन्न हुआ है, खासकर मारवाड़ी और गुजराती व्यापारियों की प्रथाओं से, जो दीर्घकालिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए ट्रेडिंग करते हैं। चोपड़ा पूजन की प्रथा, जिसमें व्यापारिक बहीखातों की पूजा की जाती है, इसी मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा का मूल है।
दिवाली की इस शाम का यह ट्रेडिंग सेशन न केवल आध्यात्मिकता और व्यापार के संयोजन का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक समय में भारतीय शेयर बाजार के डिजिटल होते स्वरूप में भी पारंपरिक महत्व को बरकरार रखता है।