मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती बढ़ गई है। अलग-अलग पार्टियों के करीब 50 बागी नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। महायुति से सबसे अधिक 36 बागी उम्मीदवार खड़े हुए हैं, जिनमें बीजेपी के 19 नेता शामिल हैं, जबकि महाविकास अघाड़ी के 14 नेताओं ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
बागियों के कारण बिगड़ रहा गठबंधनों का गणित
महायुति में टिकट न मिलने के कारण बीजेपी के 19 बागी नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जबकि शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी से भी कई बागियों ने मैदान में कदम रखा है। महायुति में बगावत के चलते 36 सीटों पर असर पड़ने की आशंका है। वहीं, महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के 10 बागी और उद्धव ठाकरे गुट के बागी नेता चुनावी मैदान में हैं। इससे कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच कई सीटों पर विवाद खड़ा हो गया है।
अमित शाह की सख्त हिदायत
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महायुति के नेताओं को बागियों से निपटने की हिदायत दी है। महाराष्ट्र में बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पार्टी ने बागियों को मनाने का प्रयास शुरू कर दिया है और उम्मीद है कि चार नवंबर तक वे अपनी उम्मीदवारी वापस ले लेंगे।
महाविकास अघाड़ी में भी बागियों से परेशानी
कांग्रेस ने भी बागियों के मुद्दे को सुलझाने के लिए बैठक बुलाई है। महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा कि पार्टी किसी भी सीट पर फ्रेंडली फाइट के मूड में नहीं है। अजित पवार ने स्पष्ट किया है कि 4 नवंबर तक नामांकन वापस लेने की समय सीमा के बाद ही सभी उम्मीदवारों की स्थिति साफ हो जाएगी।