समस्तीपुर, बिहार: बिहार के समस्तीपुर में पकड़वा विवाह की प्रथा एक बार फिर से सुर्खियों में आई है। हाल ही में रेलवे में नौकरी पाने वाले एक युवक के साथ ऐसी ही घटना घटी, जब उसे मंदिर में बुलाकर उसकी प्रेमिका ने परिवार की मदद से ‘जबरिया शादी’ कर ली। इस घटना ने 24 महीने पुराने प्रेम संबंध और विश्वासघात की कहानी को उजागर किया है।
24 महीने का प्रेम, नौकरी मिलते ही मुकरा प्रेमी
घटना बिहार के समस्तीपुर जिले की एक छोटे से गाँव की है, जहाँ युवक और युवती पिछले 24 महीनों से प्रेम संबंध में थे। दोनों ने एक-दूसरे से जीवन भर साथ रहने के वादे किए थे। लेकिन जैसे ही युवक को रेलवे में नौकरी मिली, उसने अपने पुराने रिश्ते को भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला किया और शादी से मना कर दिया।
मंदिर में बुलाया और की जबरन शादी
प्रेमी के इस धोखे से आहत युवती ने कड़ा कदम उठाते हुए उसे एक मंदिर में मिलने बुलाया। जब युवक मंदिर पहुंचा, तो वहां पहले से ही युवती के परिवार और गाँववाले मौजूद थे। मंदिर में दोनों के बीच शादी को लेकर कहासुनी भी हुई। मौके पर ही लड़की पक्ष के लोगों ने मौके का फायदा उठाकर लड़के की जबरन शादी करा दी।
परिवार का समर्थन
इस जबरिया शादी में युवती के परिवारवालों ने उसका पूरा समर्थन किया। उनका मानना था कि युवक अपने वादों से मुकर रहा था और उनकी बेटी को धोखा दे रहा था। परिवार ने इस घटना को लड़ाई नहीं, बल्कि युवती के हक की लड़ाई के रूप में देखा।
पकड़वा विवाह: बिहार की पुरानी परंपरा
बिहार में पकड़वा विवाह एक पुरानी प्रथा है, जो अब भी कई ग्रामीण इलाकों में प्रचलित है। इस प्रथा का मुख्य कारण दहेज प्रथा को माना जाता है, जहाँ गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी करवाने के लिए लड़कों को जबरदस्ती शादी के लिए मजबूर किया जाता है।
इस घटना ने फिर से समाज में पकड़वा विवाह की प्रथा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या जबरन शादी से किसी समस्या का हल निकाला जा सकता है? इस प्रथा पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जरूरत है ताकि लड़के और लड़कियों को अपने जीवन के फैसले खुद लेने की स्वतंत्रता मिल सके।