महाराष्ट्र: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए 99 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में पार्टी ने कई प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्यों को टिकट देकर खुद पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोपों को और भी पुख्ता कर दिया है। पार्टी के इस कदम ने राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज कर दी हैं।
परिवारवाद का बोलबाला
बीजेपी की इस सूची में कुछ प्रमुख नेताओं के परिजनों को फिर से टिकट दिया गया है, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे संतोष दानवे (भोकरदन) और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे (कणकवली) का नाम प्रमुख है।
पूर्व सांसद अनिल शिरोले के पुत्र सिद्धार्थ शिरोले को पुणे की शिवाजीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि चिंचवड में दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की पत्नी की जगह उनके देवर शंकर जगताप को टिकट दिया गया है। इसी तरह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर के पोते संभाजी पाटिल निलंगेकर को लातूर जिले की निलंगा सीट से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है।
महिला सशक्तिकरण पर ध्यान
बीजेपी ने इस बार महिला उम्मीदवारों को खास तरजीह दी है। पार्टी ने कुल 13 महिलाओं को टिकट दिया है, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण को नांदेड के भोकर से टिकट दिया गया है। यह कदम पार्टी द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
पुराने चेहरों पर भरोसा
बीजेपी ने इस बार अधिकतर मौजूदा विधायकों को फिर से मैदान में उतारा है। पार्टी ने अपने पुराने और अनुभवी नेताओं पर भरोसा कायम रखते हुए उन्हें फिर से मौका दिया है। इससे यह साफ हो गया है कि पार्टी एंटी-इंकम्बेंसी के बावजूद अपने पुराने चेहरों के सहारे चुनावी रण में उतरने की योजना बना रही है।
नए चेहरों को भी मौका
इस बार पार्टी ने कुछ नए चेहरों पर भी दांव खेला है। पूर्व मंत्री प्रकाश आवाडे के बेटे राहुल आवाडे को इचलकरणजी से चुनाव लड़ने का मौका मिला है। इसके अलावा, मेघना बोर्डिकर (जिंतुर) और सुलभा गायकवाड़ (वाघोली) जैसी नई उम्मीदवारों को भी टिकट दिया गया है।
शेलार परिवार को मिली दो टिकट
मुंबई में बीजेपी ने शेलार परिवार को खास अहमियत दी है। बांद्रा वेस्ट से आशीष शेलार और मलाड से उनके भाई विनोद शेलार को टिकट दिया गया है, जिससे पार्टी में परिवारवाद को लेकर और चर्चाएं हो रही हैं।
चंद्रशेखर बावनकुले की वापसी
बीजेपी महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, जिनका 2019 के चुनाव में टिकट काटा गया था, को इस बार पार्टी ने फिर से चुनाव लड़ने का मौका दिया है। बावनकुले की वापसी को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बीजेपी की पहली सूची से यह साफ हो गया है कि पार्टी ने अपने वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को भी प्राथमिकता दी है। हालांकि, परिवारवाद के आरोपों ने पार्टी की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े किए हैं, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति उन्हें आगामी चुनाव में कितनी सफलता दिलाती है।