नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक विवाद के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलकर अपनी राय जाहिर की है। एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में जयशंकर ने कनाडा पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कनाडा अपने राजनयिकों को विशेष अधिकार देता है, जबकि अन्य देशों के राजनयिकों के साथ भिन्न व्यवहार करता है। उन्होंने इस स्थिति को “कनाडा का पाखंड” करार दिया।
जयशंकर ने कहा, “कनाडा के राजनयिक भारत में आकर आसानी से हमारी सेना और पुलिस की जानकारी जुटा लेते हैं, लेकिन हमारे राजनयिकों पर कनाडा में पाबंदियां लगाई जाती हैं। यह उनके दोहरे चरित्र का उदाहरण है।” उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत-विरोधी तत्व भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकाते हैं, तो कनाडा अभिव्यक्ति की आज़ादी का हवाला देकर उनकी रक्षा करता है।
विदेश मंत्री ने वैश्विक व्यवस्था में परिवर्तन और शक्ति संतुलन के बदलाव पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों में वैश्विक राजनीति में पुनर्संतुलन आया है, जिसमें भारत और चीन जैसे देशों की बढ़ती भूमिका ने बदलाव को और तेज़ किया है। जयशंकर ने इस बदलाव को स्वाभाविक प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इससे कुछ विवाद और तकरारें होना सामान्य है।
जयशंकर ने यह भी संकेत दिया कि पश्चिमी देश, विशेषकर कनाडा, इस वैश्विक पुनर्संतुलन को सहजता से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में शक्ति संतुलन बदल रहा है और पश्चिमी देशों का प्रभुत्व कमजोर हो रहा है।
भारत और कनाडा के बीच हाल के हफ्तों में राजनयिक तनाव बढ़ा है, जिसमें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी सार्वजनिक रूप से भारत पर आरोप लगाए हैं। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया भी शुरू की है।