रांची: झारखंड के विभिन्न हिस्सों में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राज्य के खूंटी, रांची, जमशेदपुर, चाईबासा और अन्य इलाकों में सुबह करीब 9:20 बजे धरती हिलने लगी। खूंटी में भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई, जबकि जमशेदपुर और खरसावां में भूकंप की तीव्रता 4.3 दर्ज की गई। झटके महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है।
झारखंड के कई इलाकों में हलचल, लोग घरों से निकले बाहर
झारखंड के चक्रधरपुर और जमशेदपुर में भी लोगों ने झटके महसूस किए। जमशेदपुर में सुबह 9:12 बजे आए भूकंप के दौरान ज़मीन हिलती रही। राजधानी रांची के तमाड़ और चाईबासा के चक्रधरपुर में भी झटकों के कारण लोग भयभीत होकर घरों से बाहर निकल आए। खरसावां से 13 किलोमीटर दूर इलाका इस भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) बताया जा रहा है।
भूकंप क्यों और कैसे आता है?
भूकंप का आना पृथ्वी की टैक्टोनिक प्लेट्स के टकराव का परिणाम है। ये प्लेट्स लगातार गति में रहती हैं, और जब ये आपस में टकराती हैं तो प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और दबाव बढ़ता है। दबाव अधिक होने पर प्लेट्स टूटने लगती हैं और इसके परिणामस्वरूप भूगर्भीय ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है, जिससे भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
क्या है भूकंप के केंद्र और तीव्रता का अर्थ?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहा जाता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से ऊर्जा निकलती है। भूकंप के केंद्र के आसपास झटके अधिक तीव्र होते हैं, जबकि दूरी बढ़ने के साथ कंपन की शक्ति घट जाती है। रिक्टर स्केल पर तीव्रता मापी जाती है, और 7 से अधिक की तीव्रता वाले भूकंप का झटका 40 किलोमीटर तक का क्षेत्र प्रभावित कर सकता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है। इसमें 1 से 9 तक की माप होती है। जितनी अधिक तीव्रता होती है, उतना ही अधिक ऊर्जा भूकंप के दौरान निकलती है और कंपन तीव्र होता है।