छठ महापर्व का विशेष महत्व भारतीय संस्कृति में है, जो हर साल कार्तिक मास में दीपावली के बाद मनाया जाता है। इस वर्ष छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से हुई और इसका समापन 8 नवंबर, शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। यह पर्व विशेषकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए बहुत खास है, लेकिन इसकी धूम पूरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी देखने को मिली। अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वाले भारतीय समुदाय ने पारंपरिक तरीके से छठ पूजा मनाई। सोशल मीडिया पर इस पूजा के कई वीडियो वायरल हुए, जिनमें भारतीय महिलाएं सिर से नाक तक सिंदूर लगाए, प्रसादी की टोकरी लेकर विधि-विधान से पूजा करती नजर आईं।
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दिल्ली-एनसीआर में भी मनाया गया छठ महापर्व
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में छठ महापर्व के समापन पर विशेष आयोजन किए गए। नोएडा के सेक्टर-71 स्थित घाट पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया। यमुना किनारे आईटीओ स्थित छठ घाट पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। यहां छठ घाट पर एनडीआरएफ की टीम सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रही। इसी प्रकार साहिबाबाद के बरानंदी और हिंडन नदी के छठ घाटों पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
फरीदाबाद में 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन
फरीदाबाद में औद्योगिक नगरी के विभिन्न घाटों पर छठ महापर्व की धूम रही। शुक्रवार की सुबह व्रत के समापन के लिए लोग भोर में ही घाटों पर एकत्रित हो गए थे। कई घाटों को दीयों से सजाया गया था, जहां सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया। इसके बाद पारंपरिक ठेकुआ का प्रसाद बांटा गया। ग्रेटर फरीदाबाद की आरपीएस सवाना सोसायटी समेत कई स्थानों पर छठ का आयोजन किया गया।
गुरुग्राम में भी श्रद्धालुओं ने किया सूर्य की आराधना
गुरुग्राम के सेक्टर-5 स्थित छठ घाट पर सरोवर में खड़े होकर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। विजय विहार में भी श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देने से पहले भगवान सूर्य की आराधना की।
छठ महापर्व की छवि अब वैश्विक हो चुकी है। भारतीय प्रवासी जहां भी हैं, वहां इस पर्व को उसी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते हैं।