भारतीय एविएशन सेक्टर में एक युग का अंत हुआ है। सोमवार को विस्तारा एयरलाइंस ने अपनी आखिरी उड़ान भरी और आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया में मर्ज हो गई। 12 नवंबर 2024 से, विस्तारा एयरलाइंस का संचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा। 2013 में टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उद्यम के रूप में शुरू हुई विस्तारा ने 11 सालों तक यात्रियों को सेवा प्रदान की और अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई थी। अब यह पहचान एयर इंडिया के बैनर के तले समाहित हो गई है, जिससे भारत की एविएशन इंडस्ट्री में एकमात्र फुल-सर्विस कैरियर के रूप में एयर इंडिया का दबदबा और मजबूत होगा।

क्यों हुआ विस्तारा का मर्जर?
टाटा ग्रुप का एयरलाइन उद्योग में एक लंबा इतिहास रहा है। 1932 में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस की शुरुआत की, जो बाद में एयर इंडिया के नाम से जानी जाने लगी। टाटा समूह के लिए एयरलाइन हमेशा खास रही है। 2013 में जब टाटा ने विस्तारा का लॉन्च किया, तो उन्होंने फुल-सर्विस एविएशन का एक नया अध्याय शुरू किया। 2021 में जब एयर इंडिया का निजीकरण हुआ, टाटा समूह ने इसे फिर से अपने कब्जे में ले लिया, जिससे उनका एविएशन पोर्टफोलियो मजबूत हुआ। लेकिन दो एयरलाइन्स के प्रबंधन की कठिनाई को देखते हुए, 2022 में टाटा ने विस्तारा को एयर इंडिया में मर्ज करने का फैसला लिया।
एयर इंडिया के साथ विस्तारा का सफर शुरू
12 नवंबर से विस्तारा की सभी उड़ानों का संचालन एयर इंडिया द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही टिकट बुकिंग, फ्लाइट्स और लॉयल्टी प्रोग्राम्स भी एयर इंडिया के अधीन आ जाएंगे। विस्तारा के ग्राहकों के 2.7 लाख टिकट और लॉयल्टी मेंबर्स को एयर इंडिया के महाराजा क्लब में स्थानांतरित किया जा रहा है। यह मर्जर एयर इंडिया को फुल-सर्विस और लो-कॉस्ट सेवाएं देने वाली एकमात्र एयरलाइन बना देगा, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों रूट्स पर उसका प्रभाव और अधिक बढ़ेगा।

विस्तारा के सफर की खासियतें
विस्तारा ने अपने छोटे से कार्यकाल में एविएशन इंडस्ट्री में कई अनोखे बदलाव किए। यह पहली भारतीय एयरलाइन थी जिसने यात्रियों को उड़ान के दौरान स्टारबक्स कॉफी की सेवा दी और प्लेन की सफाई के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया। विस्तारा ने अपने कस्टमर्स के लिए वाई-फाई इंटरनेट कनेक्टिविटी की भी शुरुआत की, जो यात्रियों को यात्रा के दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल करने की सुविधा देती थी। इसके अलावा, 6.5 करोड़ से अधिक यात्रियों ने विस्तारा के साथ सफर किया।
विस्तारा की पहली और अंतिम उड़ान
विस्तारा एयरलाइंस की पहली घरेलू उड़ान 5 जनवरी 2015 को दिल्ली से मुंबई के बीच हुई थी। इसी के साथ, विस्तारा ने भारतीय एविएशन में अपनी पहली पहचान बनाई थी। एयरलाइंस की अंतिम उड़ान भी दिल्ली-मुंबई के बीच ही संचालित होने की संभावना है। इंटरनेशनल रूट्स पर विस्तारा की पहली उड़ान 2019 में दिल्ली से सिंगापुर के बीच भरी गई थी, जिससे एयरलाइंस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम रखा था।
मर्जर के बाद यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
विस्तारा के यात्रियों के बोर्डिंग पास पर कुछ समय तक ‘AI-2’ कोड लिखा मिलेगा, जो दर्शाएगा कि यह उड़ान एयर इंडिया की है। धीरे-धीरे विस्तारा के सभी एयरक्राफ्ट्स पर एयर इंडिया का लोगो दिखाई देगा और एयरक्राफ्ट कोड भी एयर इंडिया के तहत बदल दिए जाएंगे। जिन यात्रियों ने लाउंज या अन्य विशेष सुविधाएं ली थीं, उन्हें कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा, विस्तारा के जो यात्री पहले से टिकट बुक कर चुके हैं, उनके लिए बुकिंग संबंधित सभी सेवाएं अब एयर इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगी।
विस्तारा का मर्जर: भारतीय एविएशन सेक्टर के लिए एक नया अध्याय

भारतीय एविएशन सेक्टर में पिछले 17 वर्षों में फुल-सर्विस एयरलाइन्स की संख्या 5 से घटकर 1 पर आ गई है। विस्तारा का मर्जर एयर इंडिया को एक मजबूत फुल-सर्विस एयरलाइन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मर्जर के बाद एयर इंडिया की पकड़ न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर भी बढ़ जाएगी, जिससे यात्रियों को एक ही एयरलाइन के माध्यम से बेहतर और एकीकृत सेवा मिल सकेगी।
विस्तारा का सफर भले ही समाप्त हो गया हो, लेकिन इसकी विशिष्टता और इसकी सेवाएं अब एयर इंडिया के माध्यम से भारतीय एविएशन सेक्टर में बनी रहेंगी।