झांसी, उत्तर प्रदेश: शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के समय NICU में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण
रात लगभग 10 बजे NICU वार्ड में आग लगी। शुरुआती जांच में बताया जा रहा है कि आग लगने का कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। आग लगते ही वार्ड में अफरातफरी मच गई। परिजन और मरीज जान बचाने के लिए भागने लगे। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फायर ब्रिगेड की मदद से 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
घटना के बाद अस्पताल के बाहर चीख-पुकार मच गई। कई माता-पिता अपने बच्चों की तलाश में अस्पताल के अंदर-बाहर भागते नजर आए। एक पीड़ित पिता कुलदीप ने बताया कि उनका 10 दिन का बेटा वार्ड में भर्ती था। उन्होंने तीन अन्य बच्चों को बचाया, लेकिन उनका खुद का बेटा कहां है, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही।
प्रशासन की कार्रवाई
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट हो सकती है। मामले की विस्तृत जांच के लिए तीन स्तरीय जांच समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतक बच्चों के परिवारों को ₹5-5 लाख और झुलसे हुए बच्चों के परिवारों को ₹50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने जांच समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है। केजरीवाल ने इसे “बहुत ही दर्दनाक और पीड़ादायक घटना” करार दिया। आतिशी ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें हर संभव सहायता देने की अपील की।
प्रशासन की सफाई
अस्पताल के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सचिन मोहर ने कहा कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। उन्होंने दावा किया कि सभी बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन 10 बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी।
सवाल खड़े करती घटना
इस हादसे ने अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आग बुझाने के उपकरण कार्यरत थे? इतनी बड़ी दुर्घटना क्यों और कैसे हुई? इन सभी सवालों के जवाब प्रशासन की जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पाएंगे।